Wednesday 20 September 2017

आज है नवरात्र का पहला दिन, ऐसे करें देवी शैलपुत्री की पूजा

जानिए शैलपुत्री की पूजा का विधि-विधान-
नवरात्र में नौ दिन व्रत रहकर माता की पूजा बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ नवरात्र में सिर्फ पहला और आखिरी व्रत रखते हैं। जो लोग नौ दिन व्रत नहीं रह पाते वे सिर्फ माता शैलपुत्री का पूजन कर नवरात्रि का फल पा सकते है।

ऐसे करें पूजा-
दुर्गा को मातृ शक्ति यानी स्नेह, करूणा और ममता का स्वरूप मानकर पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा पूरे विधि-विधान से करने के लिए सबसे पहले उस जगह को पहले साफ करें और उस लकड़ी के एक पाटे पर मां शैलपुत्री की तस्वीर रखें। उसे शुद्ध जल से साफ करें। कलश स्थापित करने के लिए लड़की के पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर उसमें शुद्ध जल भरें, आम के पत्ते लगाएं और पानी वाला नारियल उस कलश पर रखें। इसके बाद उस कलश पर रोली से स्वास्तिक का निशान बनाएं। अब उस कलश को स्थापित कर दें। नारियल पर कलावा और चुनरी भी बांधें। अब मां शैलपुत्री को कुमकुम लगाएं। चुनरी उढ़ाएं और घी का दीपक जलाए। अज्ञारी में सुपारी, लोंग, घी, प्रसाद इत्यादि का भोग लगाएं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और मां शैलपुत्री की कथा पढ़ें। साथ ही मां शैलपुत्री के मंत्र का उच्चारण भी करें। इनकी पूजा में सभी तीर्थों, नदियों, समुद्रों, नवग्रहों, दिक्पालों, दिशाओं, नगर देवता, ग्राम देवता सहित सभी योगिनियों को भी आमंत्रित किया जाता किया जाता है। साथ ही मां शैलपुत्री के मंत्र का उच्चारण भी करें।
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